- ३१ साल के बचे ने डांग के ट्रायबल बच्चों के लिये स्कूल ओर कॉलेज बनवाई। | दैनिक सच्चाईयाँ

रविवार, 30 अप्रैल 2023

३१ साल के बचे ने डांग के ट्रायबल बच्चों के लिये स्कूल ओर कॉलेज बनवाई।

डांग मे एक टेक्निकल सॉफ्टवेर एंजिनिअर ( माहला श्यांमभाई ) इन्होंने ने खुद के दम से और कड़ी मेहनत से २०१३ मे कंप्युटर की शॉप वघई में शुरू की और सॉफ्टवेर एंजिनिअर का काम करता था उसके बाद अपना एक NGO की शुरू किया। जो (माहला ईजुकैशन एण्ड चेरिटेबल ट्रस्ट) रेजिस्ट्रेशन किया ओर २०१९ मे अपने ही गाव मे बचो के लिए इंग्लिस मिडयम स्कूल हनवतचोंड में शुरू की जिसका नाम स्पोर्ट्स स्कूल नाम दिया गया है। जहा पे गाव के और दूसरे ३ स्टेट से बच्चे पढाई कर रहे है। ( महाराष्ट्र - हेदराबाद - केरला) और रहने के साथ पूरी फेसिलिटी दि गयी है २०१९ में जब स्कूल बनाना था तब खुद का घर तोड़ कर स्कूल ४२ दिन मे बना दि गयी थी। उसके बाद भी उन्होंने हार नही मानि और एक नयी कॉलेज बनाई जो अब S.S. MAHLA COLLEGE के नाम से जानी जाती है ये कॉलेज कुकडनखी गांव में बनायी गयी है। और उस मे फिल हाल (नर्सिंग ANM- GNM- B.SC Nursing -BRS) जैसी ट्रेनिंग चालू की गयी है। और आदिवासी बचो के लिए ये सबसे अच्छी बात है। उतना ही नही उनका उदेश्य यह है की हमारे आदिवासी बच्चों को फ्री मे कॉलेज की शिक्षा मिले ऐ कोशीष कर रहे है। डांग डिस्ट्रिट में ये अंग्रेज सरकार के बाद ये पहली कोशीष से कर के दिखाया गया है। और ट्रस्ट के नाम से होस्पिटल बी बनना शुरू किया गया है। जो वघई के मरीजो को इलाज मिल सके यह कोशीष कर रहे है। ओर ये हमारे आदिवासी ही आदिवासी बचो के लिए यह सब कर सकता है।

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